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मुहुर्मुहुः
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
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oft
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
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again and again
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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over and over
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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over and over again
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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time and again
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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time and time again
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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frequently
Meanings: 4; in Dictionaries: 4
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oftentimes
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ofttimes
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all of a sudden
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suddenly
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of a sudden
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often
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importunately
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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मर्हती
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anon
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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अवेक्षमाण
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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redoubled
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मुहुस्
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ingeminate
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tipple
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
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खण्डः १ - अध्यायः ०४६
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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प्रथम खण्डः - षट्चत्वारिंशत्तमोऽध्यायः
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे.
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सर्ववेदसारसंग्रहः - विज्ञानमयकोशः
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
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redouble
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प्रतिवद्
Meanings: 7; in Dictionaries: 3
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श्री शारदादेवी स्तोत्रम् - प्रकृतिं परमामभयां वरदां ...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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प्रहेलि
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
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कैलाससंहिता - अध्यायः १०
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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सप्तदशः पटलः - वसिष्ठस्य महाचीने गमनम्
शक्त्याचारस्मन्वितम् अथर्ववेदलक्षणम्
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खण्डः १ - अध्यायः ०५१
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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प्रथम खण्डः - एकपञ्चाशत्तमोऽध्यायः
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे.
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देवकृतगर्भस्तुतिः - देवा ऊचुः । जगद्योनिरयोन...
भगवान श्रीकृष्ण विष्णुचा आठवा अवतार आहे. श्रीकृष्णाचा अवतार पूर्ण अवतार समजतात. Lord Krishna is the eighth and the most popular incarnation of Lord Vishnu.
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गर्भस्तुतिः - देवा ऊचुः । जगद्योनिरयोनि...
भगवान श्रीकृष्ण विष्णुचा आठवा अवतार आहे. श्रीकृष्णाचा अवतार पूर्ण अवतार समजतात. Lord Krishna is the eighth and the most popular incarnation of Lord Vishnu.
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किरातवाराही स्तोत्रम् - अस्य श्री किरातवराही स्तो...
शिव हि महान शक्ति असून त्रिमूर्तींपैकी एक आहेत. विश्वाची निर्मीती ब्रह्मदेवाने केली असून नाश करण्याचे कार्य शिवाचे आहे. शिवाचे वास्तव्य कैलास पर्वतावर आहे. Shiva is one of the gods of the Trinity. He is said to be the 'god of destruction'. Shiva is married to the Goddess Parvati (Uma). Parvati represents Prakriti. Lord Shiva sits in a meditative pose on Mount Kailash against, Himalayas.
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किरातवाराही स्तोत्रम् - किरातवराह ऋषिः अनुष्टुप् ...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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किरातवाराही स्तोत्रम् - अनुष्टुप् छन्दः शत्रुनिवा...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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frequent
Meanings: 12; in Dictionaries: 6
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ever
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
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दशमस्कन्धपरिच्छेदः - द्विचत्वारिंशत्तमदशकम्
श्रीनारायणके दूसरे रूप भगवान् श्रीकृष्णकी इस ग्रंथमे स्तुति की गयी है ।
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सर्ववेदसारसंग्रहः - योगः
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
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द्वितीयस्कन्धपरिच्छेदः - चतुर्थदशकम्
श्रीनारायणके दूसरे रूप भगवान् श्रीकृष्णकी इस ग्रंथमे स्तुति की गयी है ।
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खण्डः १ - अध्यायः ०४८
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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प्रथम खण्डः - अष्टचत्वारिंशत्तमोऽध्यायः
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे.
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सतीखण्डः - अध्यायः १४
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ६६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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उमासंहिता - अध्यायः ७
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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रसविद्या - भाग १०
रसविद्या, मध्यकालीन भारतातील जी आयुर्वेदीक विद्या आहे, त्यातील एक अग्रणी ग्रंथ म्हणजे आनंदकंद.
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बृहत्संहिताः - अध्याय ८८
’बृहत्संहिता’ ग्रंथात वास्तुविद्या, भवन निर्माण कला, वायुमंडळाची रचना, वृक्ष आयुर्वेद इ. विषय अंतर्भूत आहेत.
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